About Baap beti chut chudai

मैं दिल्ली में रहती हूँ। ऐसे मैं बंगाल की रहने वाली हूँ। अभी एक Dad Daughter Sex story hindi महीने ही हुए हैं मैं दिल्ली आई हूँ। और दिल्ली मुझे बहुत ही अच्छा लगा और आजकल चुदाई का भी खूब मजे ले रही हूँ वो भी अपने ही घर में अपने पापा के साथ। ऐसे कैसे संभव हो पाया वो …

वो मेरे हलके हलके बाल भी चाट रहे थे. मुझे गज़ब का मजा आ रहा था.

चब्बी बहु को नंगी करके ससुर ने चूत की चुदाई की जोश में

इस गन्दी कहानी हिंदी में पढ़ें कि कैसे एक बाप ने अपनी कालगर्ल बेटी से उसके जिस्म का सौदा किया. पूरे दिन घर में बेटी को नंगी रख कर उसके साथ क्या क्या किया!

वो रोज़ मुझे गंदे गंदे इशारे करता था और पास आ कभी कभी चूची दबा देता और कभी गांड पर हाथ फेर कहता- रानी बस एक बार चखा दो.

वोह और उसकी सहेली कुछ महीने सरकारी बसेस से ही काॅलेज आया करती थी।मधु का स्टाॅप मेरे स्टाॅप के कुछ मिल दुरी पर ही था।मै उसको बस मे चढते उतरते देखता सकता था।वोह बहोत खुबसूरत दिखती थी।और काॅलेज कि यूनिफार्म मे तो वोह किसी हसीना से कम नही लगती थी।वोह बढिया टाईट ईनरविअर पहनती थी।जिसकी वजह से उसके बुब्झ बडे उभरे उभरे ओर रसीले दिखते थे।उसके मासीव बुब्झ पर किसीकी नजर न जाये ऐसा हो ही नही सकता था।उसकी नाक भी बडी उंची किस्म कि थी।जिससे वोह देखने वालो कि और नजर मे आती थी।अगर मधु को कोई पिछे से देख लेता तो उसके पसीने छुठ ज्याते ईतनी कमसीन ओर होश उडाने वाले मदहोश बट उसने कमायें थे।एक दिन बस मे बडी भीड थी मुझे बैठने को जगह नहीं मिली इसलिए मै बस मे खडे खडे ट्राव्हल कर रहा था।मुझे बडी झिझक हो रही थी।ऐसै लटके लटके ट्रॅवल मैनै पहले कभी नहीं किया था।कुछ देर बाद मधु का स्टाॅप आया।मैने उसे खिडकी से चढते हुअ देखा।फिर वोह दरवाजे से होकर बस मे चढ गई।

पापा मेरी कड़ी चूचियों को निचोड़कर बोले तो मैं उतावली हो बोली- हाय पापा, उह्ह ससीए इस तरह तो मुझे और भी अच्छा लगता है.’

हर लड़की को पहली बार दर्द होता है फिर मजा आता है.

“अब जो मानसी ने जो किया और जो कहा, वो सुनने के बाद मेरे दिल में कोई शक नहीं रहा कि मानसी का इशारा मेरी और तुम्हारी चुदाई कि तरफ था और मानसी मुझे चुदाई करवाने की बात इशारों इशारों में कर रही थी”।

‘बेटी तुम्हारी चूत में भी कुछ होता है?’

पापा से तौलिया ले चूत को रगड़ रगड़कर साफ़ किया. पापा को उमेश वाली बात पता नहीं चलने दी.

‘अपने पैर फैलाकर चूत खोलो पहले अपनी बेटी की चूत चाट लूँ फिर चोदूँगा.’

पापा जो कि पहले धीरे धीरे झटके मार रहे थे तभी ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगे…. माँ ने अपनी टाँगो को पिताजी के बदन से लपेट लिया …तभी माँ ने उन्हे ज़ोर से भीच लिया और धीरे धीरे जैसे उनका शरीर जैसे ठंडा सा पड़ने लगा और वो बिल्कुल बेजान सी हो कर लेट गयी ….लेकिन पापा अभी भी उसी जोश से लगे हुए थे …. तभी माँ बोली ..बस करो! अब क्या जान ही निकालोगे ….पापा बोले … तू तो बूढ़ी हो गयी है अगर मेरे सामने कोई सोलह साल की जवान लड़की भी आ जाए तो मैं उसको भी नानी याद करा दूं….मेरे दिमाग़ में सीटिया सी बजने लगी.. मैं भी तो सोलह साल की ही हूँ…..और एक बात जब पापा ये बात बोल रहे थे तो मुझे लगा कि शायद पापा मेरी ही ओर देख रहे थे.. मैं तो गन्गना उठी मेरे हाथ की उंगली मेरी चूत में सरक चुकी थी..मैं तो पागलो की तरह अपने मस्त हुए पापा की तरफ देख कर ज़ोर ज़ोर से अपनी उंगली को अंदर बाहर करने लगी…तभी पापा जी बोले.

आखिर मानसी की अपनी सहेली स्नेहा के बॉयफ्रेंड के साथ चुदाई हो कैसे गयी, ये पढ़ेंगे आप इस कहानी के अगले भाग में।

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